Wednesday 16 January 2013

न्यूज चैनलों में तन गए तोप !




देश में चल रही खास गतिविधियों पर अगर नजर डालें तो इस समय हर खबर में पाकिस्तान घुसा हुआ है। पहली सबसे बड़ी खबर पाक फौजियों ने भारतीय सीमा में घुसकर पहले तो दो भारतीय सैनिकों की हत्या कर दी, फिर एक सैनिक का सिर काटकर ले गए। इस घटना से पूरे देश में गुस्सा भड़का हुआ है। गुस्से को देखते हुए पहले सेनाध्यक्ष ने पाकिस्तान की चेतावनी दी और साफ किया कि अब बस, बहुत हो चुका, अब बर्दाश्त नहीं करेंगे, हम मुंहतोड़ जवाब देंगे।  फ्लैग मीटिंग में बात  नहीं बनी और उसके बाद जब पाकिस्तान ने सीमा पर तोपखानों की तैनाती शुरू की तो अपने शांत रहने वाले मनमोहन सिंह को भी गुस्सा आ गया और उन्होंने भी आंखे तरेरी और पाकिस्तान से व्यापारिक संबंध खत्म करने की धमकी दी। इतना ही नहीं बुजुर्गों को बीजा देने के सरलीकरण योजना पर तत्काल रोक लगा दी। इसी तरह क्रिकेट के तर्ज पर शुरू हुए देश में हाकी चैंपियन लीग में शामिल सभी नौ पाकिस्तानी खिलाड़ियों को वापस जाने का हुक्म सुना दिया गया। महिला क्रिकेट विश्व कप में पाकिस्तानी टीम को मुंबई में खेलना है, लेकिन जो हालात हैं उससे तो नहीं लगता कि उनकी टीम यहां खेल पाएगी।

बहरहाल पाकिस्तान ने जो किया उसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है। लेकिन उन्हें सेनाध्यक्ष ने एक मौका दे दिया है, कहा गया है कि अब बर्दाश्त नहीं करेंगे। मेरा मानना है कि सरकार की ओर से की गई फौरी कार्रवाई कम नहीं है। अब हमें पाकिस्तान की गतिविधियों पर नजर रखना चाहिए। हमें देखना होगा कि पाकिस्तान अपनी कारगुजारियों को रोकता है या यूं ही उसकी गतिविधियां जारी रहती हैं। वैसे तो पाकिस्तान के जो हालात हैं उससे नहीं लगता कि फिलहाल वो आगे बढ़ने की हिम्मत कर सकता है। वहां की सर्वोच्च न्यायालय ने भ्रष्टाचार के मामले में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री समेत 16 लोगों को तत्काल गिरफ्तार करने के आदेश दे दिए हैं। पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बारे में कहा जा रहा है कि  भी देश छोड़कर दुबई चले गए हैं। कुल मिलाकर वहां तख्ता पलट की आशंका बढ़ गई है। जो हालात हैं उसे देखते हुए अगर जल्दी ही हमें वहां सैन्य शासन देखने को मिले तो किसी तरह की हैरानी नहीं होनी चाहिए। बहरहाल ये तो मैने कुछ तस्वीरें पेश कीं जो कुछ भारत और पाकिस्तान में चल रहा है।

अब आगे की बात टीवी न्यूज चैनलों की। बीजेपी नेता सुषमा स्वराज ने जब कहा कि पाकिस्तानी हमारे एक फौजी का सिर काट ले गए, ये हिसाब तब बराबर होगा जब हम उनके 10 सैनिकों के सिर काट लाएं। सुषमा के ऐसा बोलते ही जैसे न्यूज चैनलों के मन की मुराद पूरी हो गई, उन्हें वो मिल गया जिसकी चाह लिए बैठे थे। इसी बीच समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने कहाकि युद्ध जरूरी हो गयी है। सेना के कई सेवानिवृत्त जनरल, मेजर और कर्नल के यहां टीवी के कैमरे पहुंच गए। इनमें से भी कई ने कहा कि हमें पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देना ही होगा। सिर काट ले जाने से देश की जनता गुस्से से लाल पीली पहले ही हो रही थी। बस टीवी न्यूज चैनलों के लिए पाकिस्तान पर हमला बोलने का भला इससे अच्छा मौका क्या मिलता। चैनलों को लगा कि अगर अब पाकिस्तान पर हमला बोल दिया जाए तो कामयाबी तय है। बस फिर क्या था चैनलों के न्यूजरूम में शुरू हो गया शोर शराबा। चारो तरफ से आवाज आने लगी पाकिस्तानी सीमा, पाकिस्तान से लड़ाई, कंटीले तार लगे बार्डर, भारतीय और पाक सेना के विजुअल तुंरत निकालो। एक लाइन में अगर कहूं तो चैनलों में तन गई तोप !
 
आप सोचते  हैं कि लड़ाई में केवल सेना को ही तैयारी करनी पड़ती है। अगर आप ऐसा सोचते हैं तो गलत सोचते हैं। न्यूज चैनलों को कहीं ज्यादा तैयारी  करनी होती है। फिर लड़ाई का अंजाम क्या होगा, सेना को तो वहां युद्ध से नतीजा हासिल करना होता है, लेकिन हमें यानि चैनल को तो युद्ध के पहले ही अपने देश को जिताना होता है। मसलन हमें बताना होना है कि हम पाकिस्तान से बहुत भारी है। इसके लिए आवाज दी जाती है रिसर्च की टीम को, जल्दी देखो हमारे पास क्या क्या हथियार हैं और पाकिस्तान के पास क्या हथियार है। हमारे सेना की ताकत और उनके सेना की ताकत बताओ। मुझे लगता है कि ये एक ऐसी रिपोर्ट है जो हर चैनल में पहले से ही तैयार रहती है। पलक झपकते ही ये रिपोर्ट न्यूज चैनल में प्रोड्यूसर के पास आ जाती है। फिर शरण ली जाती है गुगल की। हर हथियार की तस्वीर निकालकर बढिया सा ग्राफिक्स बनाया जाता है और बता देते हैं कि हमारे पास क्या है और उनके पास क्या है। आज की तारीख में भारत और पाकिस्तान की एक दूसरे की तरफ सैन्य तैनाती लगभग बराबर है। आइये एक नजर डालते हैं।

भारतीय कॉर्प्स की संख्या 9 है तो पाकिस्तान के 8 कॉर्प्स भारत की तरफ निशाना साधे हुए हैं।


जानें: भारत और पाकिस्तान की सेना में किसमें कितना दम?

- भारतीय सेना में 13 लाख सैनिक हैं जबकि पाकिस्तानी सेना में 6 लाख सैनिक हैं।



- भारत के पास 2295 टैंक हैं तो पाकिस्तान के पास नए पुराने मिलाकर 3620 टैंक हैं।



- भारत के पास 600 फाइटर प्लेन हैं तो पाकिस्तान के पास भी 400 लड़ाकू विमान हैं।


वैसे जानकारों का मानना है कि सैन्य बल से ज्यादा असर इस बात का होता है कि बेहतर रणनीति कौन बनाता है। दरअसल कॉर्प्स की तैनाती के साथ साथ अहम बात ये होती है कि हमला करने के लिए स्ट्राइक फॉरमेशन की क्षमता किसके पास है। जानकारों के मुताबिक इस मामले में भारत का पलड़ा थोड़ा भारी है। अपने आर्मर्ड डिविजन के इर्द गिर्द भारत तीन स्ट्राइक फॉर्मेशन कर सकता है जबकि पाकिस्तान सिर्फ दो।

दरअसल भारत के साथ लगने वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा काफी लंबी है,  जबकि पाकिस्तानी सेना की तैनाती ज्यादातर भारत की ओर ही है। ऐसे में दोनों देशों की थल सेना में ज्यादा अंतर नजर नहीं आता, लेकिन भारत की वायु क्षमता पाकिस्तान के मुकाबले कहीं बेहतर दिखती है।

भारत के पास पाकिस्तान से सटे 12 एयर बेस हैं जहां मिग, जगुआर, सुखोई और मिराज जैसे लड़ाकू विमान तैनात हैं। इसके मुकाबले पाकिस्तानी वायुसेना के पास 7 एयरबेस हैं जहां मिराज, जेएफ और एफ 16 जैसे लड़ाकू विमानों की तैनाती है।

हालांकि आधुनिक अवॉक्स एयरक्राफ्ट के मामले में पाकिस्तान ने भारत को पीछे छोड़ दिया है। आधुनिक युद्ध में इन विमानों का इस्तेमाल बेहद अहम होता है। ये विमान रडार युक्त होते हैं जो दुश्मन देश के प्लेन, पानी के जहाज और मिसाइल की जानकारी दे सकते हैं।
 
भारत के पास फिलहाल सिर्फ 3 अवॉक्स एयरक्राफ्ट हैं जबकि पाकिस्तान ने 9 विमानों का जखीरा तैयार कर लिया है। पाकिस्तान ने पिछले कुछ सालों में अत्याधुनिक हथियार और परमाणु शक्ति हासिल कर ली है। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के पास 90 से 100 न्यूक्लियर वॉरहेड्स हैं जो भारत के मुकाबले कहीं ज्यादा हैं। वहीं मिसाईल शक्ति में भी पाकिस्तान ने भारत की बराबरी कर ली है। भारतीय नेवी पाकिस्तान के मुकाबले जरूर मजबूत है। लेकिन जानकारों की मानें तो भारत और पाकिस्तान के बीच अहम भूमिका आर्मी और वायुसेना की है। 1971 की लड़ाई के बाद पाकिस्तान ने रक्षा बजट में जबर्दस्त बढ़ोतरी की है। जानकारों की मानें तो ये भारत के लिए चिंता की बात है।


आपको पता है कि 65 साल पहले भारत और पाकिस्तान को आजादी मिली। इन 65 सालों में दोनों मुल्क चार जंग लड़ चुके हैं। 1971 की लड़ाई में मिली शिकस्त के बाद से पाकिस्तान ने अपनी सैनिक ताकत बढ़ाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया है। आज दोनों मुल्क परमाणु हथियारों से लैस हैं। दोनों के सैन्य बल में भी ज्यादा फर्क नहीं। ऐसे में अगर पांचवें युद्ध का जोखिम उठाया गया तो सरहद के दोनों तरफ सिर्फ और सिर्फ बर्बादी बचेगी। पाकिस्तान की तरफ से अक्सर सीजफायर का उल्लंघन होता रहा है। लेकिन बार बार उकसाने के बाद भी भारत ने संयम बरता है। राजनैतिक और सैन्य स्तर पर ये संयम जरुरी भी है। दरअसल 1971 की लड़ाई के बाद भारत पाक सीमा विवाद टाइम बम की शक्ल ले चुका है। सैन्य ताकत बढ़ाने के साथ साथ पाकिस्तान ने भारत की तरफ जबर्दस्त तैनाती भी बढ़ा दी है। आज की तारीख में भारत और पाकिस्तान की एक दूसरे की तरफ सैन्य तैनाती लगभग बराबर है।

जो हालात हैं उसे देखते हुए तो हम कह सकते हैं कि भारत और पाकिस्तान में पांचवां युद्ध कभी भी हो सकता है। दरअसल सच्चाई ये है कि न्यूज चैनलों ने पाकिस्तान के साथ कोई बड़ा युद्ध देखा नही है। न्यूज चैनलों की उम्र 90 के दशक में जब से चैनलों ने सही तरह से काम करना शुरू किया उसके बाद से कारगिल ही हुआ। कारगिल में जहां लड़ाई चल रही थी, वहां तक कैमरों का पहुंचना बहुत मुश्किल था। अब चैनलों को लग रहा है कि एक बार युद्ध ऐसी जगह हो जाए, जहां उनके कैमरे पहुंच सके। अब देखिए ना...सेना जहां थी अभी वहीं है, पर दिल्ली से सभी चैनलों के रिपोर्टर जरूर पाक सीमा में जम गए हैं। अब देखना ये है कि संपादक लोग चैनलों से तोप हटाने को तैयार होते हैं या फिर युद्ध का इंतजार करतें हैं।



Friday 11 January 2013

बिग बाँस : मेरा वोट इमाम को ...

बिग बाँस सीजन छह की उल्टी गिनती शुरू हो गई है, महज 48 घंटे बाद यानि शनिवार को बिग बाँस के घर से विजेता 50 लाख रुपये के ब्रीफकेश के साथ अपने घर चला जाएगा। बहरहाल तमाम दूसरे रियेलिटी-शो की तरह ये भी एक रियलिटी-शो है, इस पर बहुत ज्यादा बहस की गुंजाइश नहीं है। सच तो ये है कि अगर इस शो के साथ अभिनेता सलमान खान का नाम ना जुड़ा होता तो मुझे नहीं लगता कि ये शो लोगों के बीच में इतना पापुलर होता। वैसे भी बिग बाँस शो के बारे में जब भी चर्चा होती है, मैं देखता हूं ज्यादातर लोग इस शो से निराश हैं। मैं जब उन्हें बताता हूं कि मैं तो इस शो को नियमित देखता हूं तो सच में लोग हैरान हो जाते हैं।

बहरहाल बिग बाँस के प्रतियोगी, मैं और सलमान खान इस शो के साथ एक लंबा सफर तय करके अब फैसले के मुकाम तक आ पहुंचे हैं। ये शो कितना कामयाब रहा ये तो चैनल के कर्ताधर्ता जाने। लेकिन मैं इस शो का नियमित दर्शक होने के नाते ये जरूर कहूंगा कि इस बार शो ने थोड़ा निराश किया है। मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि इस शो के लिए क्या चैनल को प्रतियोगी नहीं मिल रहे थे या प्रतियोगियों की भारी भरकम फीस की वजह से चैनल इस शो की महज खानापूरी कर रहा है। हां शो का कद ऊंचा करने के लिए क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को जरूर महीने भर के लिए लाया गया। बस महीने भर बाद अचानक उन्हें घर से बाहर जाने की इजाजत दे दी गई। कहा गया कि सिद्धू को बीजेपी गुजरात चुनाव में इस्तेमाल करना चाहती है, इसलिए उनका घर से बाहर आना जरूरी है। अब सच क्या है ये तो चैनल और सिद्दू जाने। लेकिन सबको पता था कि दिसंबर में गुजरात का चुनाव होना है। प्रचार के लिए जिन लोगों के नाम निर्वाचन आयोग को भेजे गए थे, उसमें सिद्धू का नाम पहले से ही शामिल था। इससे तो यही लगता है कि एकतय रकम पर महीने भर के लिए ही सिद्धू को घर में लाया गया था। देश ने देखा सिद्धू ने गुजरात में कितना प्रचार किया हा उन्होंने क्रिकेट की कमेंट्री जरूर की।

बहरहाल सिद्धू को मैं इस बात के लिए जरूर बधाई दूंगा कि वो जब तक घर में रहे, उन्होंने कुछ भी ऐसा नहीं किया जिससे उनकी छीछालेदर हो। लेकिन ये एक खेल है और अगर आप खेल के नियम का पालन नहीं करते हैं तो फिर कैसा खेल ! कई बार देखा गया कि सिद्धू ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम था कि घर में ऐसा कुछ होता है, अरे भाई सिद्धू जी आप खेल के मैदान में उतर गए और खेल के नियम जानते ही नहीं। ये क्या बात हुई। बाकी प्रतियोगियों के बारे में क्या बात करें। मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि वो शो में क्या करने आए थे और चैनल उन्हें क्यों लाया था। घर से पहले ही बेघर हो चुके लोगों की अब चर्चा करना बेमानी है, लेकिन आज जो लोग घर में हैं, मैं ईमानदारी से बात करूं तो सच में मैं आज तक नहीं समझ पा रहा हूं कि ये लोग घर में क्यों हैं ? बिग बाँस ने इन्हें घर में क्यों बुलाया था और इन्होंने इतने दिनों में किया क्या है?

छोटे पर्दे पर हमेशा निगेटिव रोल करने वाली उर्वशी ढोलकिया पहले दिन से घर में हैं। मुझे लग रहा था कि उर्वशी जब यहां से निकलेगी तो उसकी अपनी छवि पूरी तरह बदली होगी। लेकिन वो अपने चेहरे के हाव भाव, रहन सहन और शोर शराबे के चलते जहां थी, वहां से एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई। पूरे दिन खाना और पसर के सोने के अलावा ऐसा कुछ भी करते नहीं दिखी उर्वशी, जिससे ये कहा जा सके कि उसकी उम्र की महिलाओं ने उससे ये बातें सीखीं हैं। अगर बात करें डेलनाज और राजीव की तो मेरी समझ में सिर्फ एक ही बात आई। इन दोनों का तलाक हो चुका है, बिग बाँस को लगा कि ये दोनों आपस में लड़ झगड़ कर लोगों का मनोरंजन करेंगे। इसीलिए इन्हें घर में जगह मिली, लेकिन हुआ इसका उल्टा। डेलनाज देश के लोगों की सहानिभूति बटोरने के लिए बार बार एक ही बात कहती रही कि मेरे घर की ईएमआई आज भी जाती है,जबकि जो घर उसने राजीव को दिया है उसकी ईएमआई पूरी हो चुकी है। अरे भाई आपकी ईएमआई से आमजनता को क्या लेना देना है। अगर आप दोनों यहां अपने मतभेद भुला कर फिर से घर बसाने की बात करते तो शायद एक मैसेज जाता कि छोटी छोटी बातों से लोग अलग हो जाते हैं,लेकिन बात समझ में आती है तो वो फिर एक छत के नीचे रहते हैं। लेकिन ये दोनों एक अच्छा मौका गवां बैठे, इसके अलावा इन दोनों के घर वालों ने तो आग में घी डालने का काम किया।

बहरहाल डेलनाज बाहर हो चुकी है, राजीव के बारे में मैं आज तक नहीं समझ पाया कि वो आदमी है या औरत है, या फिर वो है, जिसे ना हम अपना भाई कह सकते है और ना ही बहन। कई बार सलमान और दूसरे घर वाले उसे कह चुके हैं कि तुम्हें अपनी ओछी हरकतों पर नियंत्रण करना चाहिए। अब अपने से आधी उम्र की सना के पीछे-पीछे जिस तरह वो चिपकने की कोशिश करता है, उससे तो उसकी छवि और भी खराब हो रही है, पर राजीव को लगता है कि उस पर लड़कियां फिदा हैं। पागल कहीं का। बात निकेतन की भी हो जाए। निकेतन जब से घर में है क्या कर रहा है। आदमी इतना हल्का है कि सही होने पर भी माफी मांगता फिर रहा है। सच कहूं तो आज निकेतन सबसे ज्यादा परेशान है। उसे लग रहा है कि उसने जीवन में जो सबसे बड़ी गलती की है वो ये कि जब बिग बाँस ने 20 लाख रुपये लेकर घर छोड़ने का आफर किया था तो उसे चला जाना चाहिए था। दूसरों के बहकावे में आकर उसने गलत फैसला लिया। वैसे अंदर की बात ये है कि 50 लाख जीतने वालों में उसका नाम सबसे ऊपर है।

एक अन्य प्रतियोगी जिसकी कोई पहचान ही नहीं है। वो खुद जब अपना परिचय देती है तो कहती है कि आपने वो वाला विज्ञापन देखा है, उसमें मैं ही हूं। चलिए आप भी जान लीजिए कि वो कौन सा विज्ञापन है। एक विज्ञापन में महिला कच्छा धोती हुई कहती है कि " ये तो बड़ा टोइंग है " । सना ये बात लोगों को बड़े ही गर्व से बताती है कि मैं ही कच्छे का लास्टिक खींचते हुए गाती हूं कि ये तो बड़ा टोइंग है। अब जिसका परिचय ही ये है, उसके बारे में ज्यादा क्या चर्चा करूं। हां बिग बाँस ने शो में जरा मशाला डालने के लिए उसे शामिल किया, बाद में उसके ब्वाय फ्रैंड विशाल को भी घर में भेजा। चैनल ने सोचा होगा कि थोडा इनका प्रेमालाप चलेगा तो हो सकता है कि शो को टीआरपी मिले। लेकिन सना तो राजीव और विशाल दो लोगों के साथ खेल रही थी, लिहाजा बिग बाँस का ये दांव भी खाली गया।

बात इमाम की भी कर ली जाए। हालाकि मुझे लगता नहीं कि इमाम सामान्य है, मुझे वो अस्वस्थ लगता है। उसकी हरकतें जिस तरह की है उससे तो सच में यही लगता है कि अगर समय रहते उसे किसी अच्छे डाक्टर को नहीं दिखाया गया तो आने वाले समय में उसकी तवियत और बिगड़ सकती है। वैसे बवाल मचाने के बाद वो जिस तरह से तुरंत सामान्य आचरण करने लगता है इससे कई बार तो यही लगता है कि वो इसे एक गेम समझ कर खेल रहा है और इसमें वो कामयाब भी है। क्योंकि जब से इमाम घर में आया है, पूरे दिन कैमरा उसी पर फोकस रहता है। अगर पिछले 15 दिन की बात करें तो मैं यहां तक कह सकता हूं कि अगर घर में इमाम नहीं होता तो चैनल वालों को पूरे 24 घंटे में एक घंटे का शो बनाने में भी मुश्किल होती। बहरहाल ज्यादा उम्मीद है कि निकेतन और उर्वशी में ही कोई विजेता  होगा, लेकिन एक वोट मेरा है वो जाता है इमाम के साथ।